ISBN: 978-8194899723
EDITION: Book
PAGE: 100
LANGUAGE: Hindi
‘हंस’ में अस्सी के दशक के उत्तरार्ध में शुरू और दो साल के अन्दर ख़त्म (1987-1988) ‘अभी दिल्ली दूर है’ स्तम्भ शृंखला का यह पुस्तकाकार रूप है। इस पुस्तक में दिल्ली पर उन साहित्यकारों के संस्मरण हैं जो देश के अन्य जगहों से दिल्ली आए और साहित्य जगत में जिन्होंने अमिट छाप छोड़ी। उनके यह संस्मरण ठहरकर पढ़ने पर दिल्ली उनके लिए क्या थी और क्या नहीं थी, दिल्ली ने उन्हें क्या दिया और क्या छीन लिया इसका बेहद ही मार्मिक और आत्मीय वर्णन मिलता है। इस पुस्तक में राजेन्द्र यादव, भीष्म साहनी, कृष्णा सोबती, रघुवीर सहाय, अजित कुमार, शानी और हंसराज रहबर के संस्मरण संकलित है। इस किताब की भूमिका रविकान्त ने लिखी है।
ISBN: 978-8194899723
EDITION:
PAGE: 100
No review found.
Tab 4 content here (e.g., FAQs or shipping info)
No review found.
Easy Return, Quick Refund. See more.
हमसे जुड़ें और नवीनतम अपडेट, लेख, और ऑफ़र प्राप्त करें।